Wednesday, 21 November 2018

जाकर रण में ललकारी थी, वह झाँसी की झलकारी थी। गोरोंसे लड़ना सिखा गई , है इतिहास में झलक रही, वह भारत की ही नारी थी, झलकारी थी। रानी लक्ष्मीबाई जी के प्राण बचाकर स्वयं के प्राणों की आहुति देनी वाली स्वतंत्रतासेनानी झलकारी बाई जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन।


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काम से प्रसंता

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