Sunday, 8 March 2020
मृत्युभोज
सामाजिक मान्यताओं में एक है मृत्युभोज,जब किसी ब्यक्ति की मृत्यु हो जाती है,तो ऐसी मान्यता है कि जब तक सामर्थ्य के हिसाब से लोगो को खाना नही खिलाया जाता तब तक उस ब्यक्ति को मोक्ष प्रदान नही होता है।एक बात समझ मे आती है कि जब किसी परिवार में किसी की मृत्यु हो जाती है।तो यदि समाज पास परोस के लोग इसी क्रिया कर्म और भोज के बहाने लोगो का आना जाना लगा रहता है।जिस कारण उस परिवार के लोग को मानसिक सम्बल मिलता है।इसी मृत्युभोज के बहाने 12 दिन तक सगे सम्बन्धी कर कुटुम्ब का आना जाना लगा रहता है।जिस कारण वो परिवार इस त्रासदी से उबर जाता है और दैनिक जीवन मे लोग लौट आता है।दुष्परिणाम यह होता है कि लोग की आर्थिक स्थिति पूरी तरह बिगर जाती है।कर्ज की मार उस परिवार पर अचानक बढ़ जाती है।जिससे निबटने में उस परिवार को सालो साल लग जाता है।वह आर्थिक बिपन्तता और सामाजिक उपहास का पात्र बन जाता है।इस प्रकार मृत्युभोज अभिशाप बन गया है।
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